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सामान्य विज्ञान (General Science)

जैव विविधता (Bio Diversity)

  • जैव विविधता: किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले पौधों और जंतुओं की विविधता जैव विविधता कहलाती है.
  • शाक, झाड़ियां और वृक्ष: पौधों को उनकी ऊंचाई और तने के प्रकार के आधार पर शाक, झाड़ियां और वृक्षों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.
  • वृक्ष : ऐसे पौधे काफी ऊंचे होते हैं और उनके तने कठोर, भूरे एवं काष्ठीय होते हैं. उनकी शाखाएं भूमि से दूर ऊंचाई पर निकली होती है.
  • झाड़ी : यह वृक्षों की तरह ऊंचे नहीं होते किंतु इनके तने भूरे रंग के काष्ठीय होते हैं एवं भूमि के निकट शाखों के रूप में निकले होते हैं.
  • शाक : यह छोटे आकार के पौधे होते हैं जिनके तनिक कोमल और हरे होते हैं.
  • आरोही लता (Climbers ) : इन पौधों के तने दुर्बल होते हैं एवं चढ़ने और बढ़ने के लिए इन्हें सहारे की आवश्यकता होती है.
  • विसर्पी लता (Creepers) : यह पौधे भूमि की सतह पर फ़ैल कर बढ़ते है
  • शिरा विन्यास : पौधों की पत्तियों पर पतली रेखाओं को शिराएं कहते हैं. शिराओं द्वारा दर्शाए गए पैटर्न को शिरा विन्यास कहा जाता है.
  • जालिका रुपी शिरा विन्यास कुछ पत्तियों में मोटी मध्य शिरा के दोनों और शिराओं का एक जाल जैसा पैटर्न होता है इस पैटर्न को जालिका रुपी शिरा विन्यास कहा जाता है।
  • समांतर शिरा विन्यास : कुछ पत्तियों में शिराएं समानांतर होती है. इस पैटर्न को समांतर शिरा विन्यास कहा जाता है.
  • मूसला जड़ : कुछ पौधों की जड़ों में एक मुख्य जड़ होती है जिससे छोटी-छोटी पार्श्व जड़ें निकलती है. इन जड़ों को मूसला जड़ कहते हैं.
  • झकड़ा जड़ / रेशेदार जड़ : कुछ पौधों की जड़ें पतली जड़ों के गुच्छों के रूप में होती हैं, इन जड़ों को झकड़ा जड़ अथवा रेशेदार जड़ कहते हैं.
  • द्विबीजपत्री : जिन पौधों में दो बीजपत्र होते हैं, उन्हें द्विबीजपत्री कहा जाता है. उदाहरण - चना का बीज.
  • एकबीजपत्री : जिन जड़ों में एक बीजपत्र होता है, उन्हें एकबीजपत्री कहा जाता है.

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